Admiral Vijay Singh Mokawat एडमिरल विजय सिंह मोकावत

एडमिरल विजय सिंह मोकावत पुत्र श्री लेफ्टिनेंट कर्नल धर्मपाल सिंह मोकावत चितौसा(झुंझुनूं) के निवासी थे।इनके(विजय सिंह) के दादोसा अपने ननिहाल भिवानी गोद चले गये थे।ले. कर्नल धर्मपाल सिंह मोकावत ने अपनी फौजी सेवा के दौरान अच्छी ख्याति अर्जित की थी। इन्हीं के पुत्र विजय सिंह मोकावत बी.ए करने के बाद 1952 ई. में भारतीय नौसेना में भर्ती हुए। प्रशिक्षण में प्रत्येक क्षेत्र में प्रथम रहने के कारण राष्ट्रपति प्रदत स्वर्ण पदक प्राप्त किया।1971 ई. के भारत-पाक युद्ध में तीसरी पनडुब्बी 'करंज' को कुशलतापूर्वक कमान किया।इस युद्ध में अपनी कार्यवाहियों से शत्रु को भयभीत रखा, इसलिये उनको वीर चक्र प्रदान किया गया। अपने साहसपूर्ण कार्यों के कारण विजय सिंह मोकावत 1988 ई. में वाइस एडमिरल के पद पर पहुंचे। 1984 ई. में अति विशिष्ट पदक प्राप्त किया एवं 2 सितम्बर 1993 को नौसेना के सर्वोच्च पद, एडमिरल के पद पर पहुंचे। शेखावाटी में मणकसास, केरपुरा, पूनिया,बिरमी,सोटवारा, सिरोही,झाझड़,बेरी, नारी,कारी,भगेरा,चितौसा,ईस्माइलपुर की ढाणी(चिड़ावा),नयासर,सिरियासर,रामसिसर,मोमासर, खारिया,मंडावा, मुकुंदगढ़,चिराणी,पिलानी, नवलगढ़,सुरजगढ़,चाचीवाद,ठेडी समेत 100 से भी अधिक गांवों में मोकावत कछवाह निवास करते हैं।

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